आवाज़ देके हमें तुम बुलाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओआवाज़ देके हमें तुम बुलाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
अभी तो मेरी ज़िन्दगी है परेशांकहीं मर के हो ख़ाक भी ना परेशांदीये की तरह से ना हमको जलाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
मैं साँसों के हर तार में छूप रहा हूँमैं धड़कन के हर राग में बस रहा हूँज़रा दिल की जानिब निगाहें झुकाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
न होंगे अगर हम तो रोते रहोगेसदा दिल का दामन भिगोते रहोगेजो तुम पर मिटा हो उसे ना मिटाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओआवाज़ देके हमें तुम बुलाओमोहब्बत में इतना ना हमको सताओ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें